ANUPAM KHER HISTORY

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ANUPAM KHER HISTORY
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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे अप सभीको internetsikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आज में आपलोगों को bollywood  जगत के एक महान अभिनेता के बारे में बाताने जा राहा हु .जी हा उस महान अभिनेता के नाम आप सब भी जानते होंगे तभी ना उन्हें एक महान अभिनेता के नजरो में देखा जाता है.जी हा उस अभिनेता का नाम है anupam kher.तोह आप भी अगर इस अभिनेता के जीबन काहानी के बारे में जानना चाहते है तोह कृपया करके पूरी पोस्ट को पढ़े क्यों की में इस पोस्ट में anupam kher से जुड़े हुए सारे बाते बातानेवाला हु जैसे कैसे उन्होंने bollywood जगत में आनेका निर्णय लिया,और उनके जीबन किस तरह से बीता फिल्मी दुनिया में  आनेका बाद और फिल्मी दुनिया में आने से पहले उसके बारे में चर्चा करेंगे.

anupam kher की जीबन काहानी हिंदी में 

63 साल के anupam kher ने आपने 31 साल इनके फिल्मी कैरिएर में एक से बढ़कर एक यादगार भूमिका निभाई है.अनुपम ने आपने अभिनय से फिल्मी परदे पार कोई  क्रिदारो को अमर बानाया है.anupam kher का जन्म 7 मार्च 1955  को शिमला में हुआ था.उनके पिता पुष्कर नाथ पेसो से एक क्लार्क थे.अनुपम ने आपनी school की पढाई शिमला में की.अनुपम के पिता 90 रुपया तनखा में पुरे घर का खर्चा चालाते थे.पैसे की तंगी के वजह से अनुपम की मा को आपने गहने तक बेचना पढ़ा था.और अनुपम को उनके पिता से 10 पैसे माहीने के हिसाब से हाथ खर्चा मिलता था.फिर 5 बी क्लास में पढ़ते हुए उन्होंने school में एक्टिंग शुरू कर दी.school के बाद college में भी अनुपम दोस्तों के बिच महसूर था.

कॉलेज के दिनों से ही anupam kher के उपर एक्टिंग का बहुत साबार हो गया था.उन्ही दिनों अनुपम ने अख़बार में एक बिग्ग्यापन देखा जिसमे 100 रुपया में acting course का बिग्ग्यापन निकला था.उस समय अनुपम के लिए 100 रुपया काफी जादा थे और उनकी पिता से पैसे मागने की हिम्मत तक नहीं थी.बास फिर क्या,अनुपम ने आपनी मा का  मंदिर से पैसे चुराने का फैसला किया.

anupam kher ने bollywood जगत में प्रबेश कैसे किया था?

70 के दशक में अनुपम पंजाब यूनिवर्सिटी के theater depertment में गोल्ड मेडलिस्ट बने.येही से अनुपम national school of drama यानि nsd पहुच गया.1978 में nsd से निकलने के बाद अनुपम ने सोचा की वोह थिएटर करते रहेंगे,लेकिन डेल्ही का बंगाली मार्किट में अनुपम को कोई बार दोस्तों से उधार लेकर काम चालाना पढ़ा.मुफलिसी के उस दोर में अनुपम को लखनऊ के bhartendu हरिश्चंद्र ड्रामा सेण्टर से एक टीचर की नौकरी का ऑफर आया और अनुपम ने वोह नौकरी join भी करली.एक साल तक anupam kher ने वोहा काम किया.लेकिन उनके अन्दर का actor का जोश दिखने लागा और नौकरी में उनका मन नहीं लागता था.

anupam kher की जीबन काहानी हिंदी में
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तब अनुपम के एक दोस्त ने सालाह दी की क्यों ना वोह मुंबई में teacher की नौकरी करले और साथ फिल्मो में भी किस्मत आजमाते रहे.आखिरकार 1981  में anupam kher ने मुंबई का रुख कर ही लिया.25 may 1984  को रिलीज़ हुयि थी फिल्म sarans 32 साल पहले परदे पार आई इस फिल्म ने 28 साल की anupam kher की ज़िन्दगी ही बदल दिया है.

इस फिल्म की आने से पहले anupam kher मुंबई की सडको पार फिल्मो  में काम की तालाश में भटकता करता था.इस फिल्म ने एक ही दिन में अनुपम को bollywood में एक बड़े कालाकार के रूप में स्थापित कर दिया था.फिल्म    में एक्लोते बेटे को खो देंने के बाद ज़िन्दगी की जंग लड़ने महाराष्ट्रियो बुजुर्ग दम्पोत्ति के दर्द को दिखाया गया है.28 साल की उम्रो में अनुपम ने इस फिल्म में 65 साल की बुजुर्ग की भूमिका निभाई है.इस फिल्म में अनुपम के ब्रेक मिलने  काहानी भी कोई कम दिल्चस नहीं है.1980 के दशक  शुरुवाती साल था.अनुपम मुंबई के एक चाल में रहने को मजबूर थे.इनके चाल का पाता था anupam kher 2/15 kherwadi,khernagar,kher road.यह महज इन्तेफफ़ था की अनुपम जिस घर  में रहते थे उसका पाता उनके surname  यानि खेर से जुडा था.संघर्ष के उस दोर में एकदिन उनकी   मुलाक़ात film maker महेश भट से  हुयी.

महेश भट को पहले से पाता था की anupam kher बहुत आछे एक stage कालाकार है.इसीलिए उनके तारीफ़ करते हुए उन्होंने काहा की मैंने सुना है तुम बहुत आछे कालाकार हो.तब अनुपम ने जवाब दिया आपने गलत सुना है में आछा ही नहीं वल्कि सबसे बेहतर हु.इसीसे प्रभाबित होकर उन्होंने अनुपम को सरांस का ऑफर किया था.28 साल के बाद अनुपम ने 65 साल के बुजुर्ग का ऐसा क्रिदार निभाया की उस दोर के बड़े star  भी दांग रह गए थे.इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट actor का awards भी मिला था .सरांस की रिलीज़ के बाद अनुपम को 10 दिन के अन्दर ही 100 फिल्मो के ऑफर मिल गए.और अनुपम के सपने  के पंख लाग गए थे.उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

दोस्तों यह था bollywood के अंकल anupam kher के जीबन काहानी.उम्मीद करता हु आपको इनके जीबन काहानी पसंद आया होगा.इनके जीबन काहानी से जुड़े हुए आपके मन अगर कोई सावाल रह गया है तोह वोह आप निचे कमेंट box का upoyog करके बाता सकते है.

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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