BHARATIYO STRIYA MANG MEIN SINDOOR KYU LAGATI HAI?

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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको Internetsikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों हमारे  देश में सधी के बाद महिलायों के मांग में सिन्दूर लागाना एक बहुत बड़ा रीती मानते है.लेकिन इसके पीछे क्या कारन है जिसके वजह से साधी के बाद महिलायों के मांग में सिन्दूर लागाते है.मुझे तोह लागता है बहुत कम लोगो को ही इसके बारे में पता होगा.क्यों की भारत के लोगो के आदत कुछ इस तरह का है की वोह कोई भी काम करता है उसके पीछे का कारन जानने का कौशिश नहीं करते है.सब लोग जोह काम करते आरहा है वोही एक दुसरे को देखके करने लाग जाते है.लेकिन यह सब जानना भी जरुरी है इसलिए में सोचा की आज इस पोस्ट में आपलोगों के साथ शेयर करू की भारतीयों स्त्री मांग में सिन्दूर क्यों लागाती है.

BHARATIYO STRIYA MANG MEIN SINDOOR KYU LAGATI HAI?

दोस्तों बहुत लोगो के मन में इस सावाल का जवाब कुछ इस तरह का हो सकता है जैसे की साधी के बाद महिलायों के मांग में सिन्दूर लागाने से हमें पता चलता है की उसके साधी हो चुकी है या फिर महिलायों को ख़ूबसूरत दिखने के लिए मांग में सिन्दूर लागाया जाता है.लेकिन सच यह नहीं है इसके पीछे एक बहुत बड़ा काहानी छुपे हुए है जोह की आप नहीं जानते है.और इसी वजह से साधी के बाद माहिलायो के मांग में सिन्दूर लागाने का रिवाज चलते आरहा है.

साधी के बाद महिलाए मांग में सिन्दूर क्यों लागाते है?

हिन्दू धर्म में मंगल सूत्र और सिन्दूर हर औरत के लिए सुभ माना जाता है.इससे पति की लम्बे उम्रो और नयो की सोभा बढ़ाने के लिए लागाया जाता है.और साथ ही चाँद जैसा दिखने लागता है और साथ ही उसकी खूबसूरती और निखर सदा बाहर बने रहता है.दोस्तों हामारे भारत के महान  संस्कृति के हर रीती रिवाज और रस्मो के पीछे कोई ना कोई बैगानिक कारन जरुर छुपा होता है.वोह बात अलग हो सकता है की आपको उसके बारे में पता ना हो और भारत के मुर्ख आपने आपको जादा समझदार साबित करने के लिए भारत के महान संस्कृति को पाखंड बाताते है.

चलिए फिर जानते है बैगानिक कारोनो के बारे में.भारतीयों बैदिक परमपरा खास तर पार हिन्दू समाज में साधी के बाद महिलायों को मांग में सिन्दूर भरना अबश्यक होता है.आधुनिक तोर में अब सिन्दूर के जायगा कुमकुम और अन्य चीजो ने ले लिया है.सावाल यह उठ रहा है की आखिर सिन्दूर ही क्यों लागाया जाता है?

यह मामला पूरी तरह से स्वास से जुड़ा हुआ है.सर के उस स्थान पार जाहा मांग भरी की परंपरा है मस्तिकी की एक महत्यपुरनो ग्रंथि होता है.जिससे ब्रम्भो रंद्र कहता है.यह अत्तयंत संग्बदंशील भी होता है.यह मांग के स्थान पर यानि कपाल की अंत से लेकर सर के मध्य तक होता है.सिन्दूर इसीलिए लागाया  जाता है क्यों की इसमें पारा नाम का एक धातु होता है.पारा ब्रम्भ रंद्र के लिए औसोधी का काम करता है.महिलायों को तनाब से दूर राखता है और मस्तिक हामेशा चेतन अबस्था में रहता है.

विवाह के बाद ही मांग इसीलिए भरा जाता है क्यों की विवाह के बाद जब घर का दवाब महिला के उपर अता है तोह उससे स्तानाब चिंता अनिद्रा जैसे बिमारिया अम तोर पार घेर लेता है.पारा ही एकमात्रो ऐसे धातु है जोह तरल रूप में रहता है.यह मस्त्तिसको के लिए लाभदायक है इसीके कारन सिन्दूर मांग में भरा जाता है.

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हिन्दू धर्म में माहिलायो के मांग में सिन्दूर क्यों लागाते है?

मांग में सिन्दूर भरना औरत के लिए सुहाघिन होने का निशाना माना जाता है.विवाह का समय बर द्वारा बधू की मांग में सिन्दूर भरने के संस्कार को सुमंगोली क्रिया कहा जाता है.इसके बाद विभाबिता पति के जिबित रहने तक अजिबन आपनी मांग में सिन्दूर भारती है.

हिन्दू धर्म के अनुसार मांग में सिन्दूर भरना सुहाघिन होने का प्रतिक है.सिन्दूर नारी सिंगर का भी एक महत्य्पुर्नो अंग है.सिन्दूर मनाग्ल सोचक भी होता है.बिग्ज्ञान में भी सिन्दूर का महत्या बाताया गया है.

सिन्दूर में पारा जैसे धातु के परिमान अधिक होने के कारन चेहरे पार जल्दी झुरिया नहीं पढता है.और मुझे पता है की हर महिला यह जरुर चाहता है की उनकी झुरिया कभी भी ना पढ़े.

साथ ही इससे स्त्री के शारीर में स्थित बिद्द्येइत उत्तेजोना नियंत्रित होता है.मांग में जाहा सिन्दूर भरा जाता है वोह स्थान ब्रेन दर्द और अद्भी नामक मान की ठीक उपर होता है.सिन्दूर मान स्थान को बहार ही बुरे प्रभाब से भी बचाते है.सामाजिक सस्त्र के अनुसार अभागिनी स्त्री के 2 शिवरण के लिए मांग में सिन्दूर भरने का सालाह दिया गया है.

तोह दोस्तों यह उमीद करता हु की अब आपको पता चल गया होगा कि BHARATIYO STRIYA MANG MEIN SINDOOR KYU LAGATI HAI? ,यह जानकरी आप अपने दोस्तों एक साथ भी शेयर करे और एक दुसरे को इसके बारे में जाननेका मौका दे.और इस जानकारी से जुड़े हुए आपके मन में किसी भी तरह का सावाल/सुझाब रहता है तोह आप निचे कमेंट box का साहारा लेकर मेरे साथ शेयर कर सकते है धन्न्य्बाद.

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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