हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको INternetsikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आपको बताएँगे की खुदको मोटीवेट रखकर आपने इच्छा/आपने सपनो के उपर कैसे फोकस करे?और उससे पूरा करे.मुझे मालुम है यह बहुत ही मुश्किल काम है.क्यों की आपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें उस रस्ते में बहुत सारे परिशानिया आते है और हम अन्दर से टूट पढ़ते है और अपने लक्ष्य के उपर से ध्यान हट जता है.लेकिन इस समय अगर आप खुदको मोटीवेट रखने में सखम होंगे तोह सायेद आपके लक्ष्य तक पहुचने में जादा परिशानी नहीं होगा.तोह आज हम इस पोस्ट में एक ऐसे काहानी आपलोगों के साथ शेयर करेंगे जिससे पढ़कर आपके अन्दर motivation के दरवाजा खुल जायेगा और आप किसी भी हालत में अपने आपको छोटा मोटा प्रॉब्लम से संभालेंगे और आपके लक्ष्य के और चलते रहेंगे.
खुदको मोटीवेट रखकर अपने लक्ष्य तक कैसे पहुचे?
शेर और कुत्ता के मनोभाब से जुड़े हुए एक शानदार काहानी——-
समझ लीजिये आपके सामने एक कुत्ता खड़ा है .और आप उस कुत्ते के तरफ एक हड्डी फेक रहे है और वोह कुत्ते ने उस हड्डी को पकड़ने का कोशिस करता है.और उस कुत्ते ने उसके सर्बोच्चो उतसाह के साथ उस हड्डी को पकड़कर आपके पास लाकर देते है.
ऐसे ही आप जितने बार भी हड्डी को फेकेंगे उतने बार ही वोह एक ही आग्रह से उस हड्डी को पकडनेका पूरी कौशिश हर बार के तरह करेगा.
ठीक उसके बदले में अब एक शेर की तुलना करते है.और ठीक जैसे एक कुत्ते को हड्डी फेक रहे थे ठीक ऐसे ही आप अगर एक हड्डी उस शेर को देते है तोह वोह क्या करेगा?
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वोह शेर गलती से भी उस हाड्डी को पकड़ने के पीछे नहीं भागेगा.क्यों मालूम है?
क्यों की शेर एक हड्डी के बदले उसके सामने एक box हड्डी देख रहा है एक box हड्डी मतलब आप जोह एक हड्डी फेक रहे थे उस शेर को.हड्डी के शोरूम आप और मुफ्त में मिल रहा है.
शेर हड्डी के उस छोटे टुकरे के उपर जादा ध्यान ना देकर आपके उपर नजर रखेगा.और तब उस शेर के नजर आपको कैसे खाए उस पार रहेगा ना की वोह एक छोटे हड्डी के टुकरे उपर जादा ध्यान देकर समय नस्ट नहीं करेगा.
इस कहानी में कुत्ते और शेर के दोनों के अलग अलग चिंता धारा हमें दिखे है.कुत्ते के लिए एक फेका हुआ हड्डी और शेर के लिए एक पुरे हड्डी के box.लेकिन उनलोगों के सिर्फ यह मनोयोग से उन्हें सफलता के और नहीं ले जाएगा.क्यों की एक कुत्ते को जितने बार भी हड्डी फेक दो वोह उतने बार ही उस छोटे हड्डी को पकड़ने के लिए ऐसे ही उतसाहित होंगे.
और शेर के सामने ऐसे हजार हड्डी के टुकरे फेकने के बाद भी उस हड्डियों के तरफ ध्यान से नहीं देखेगा.क्यों की उसके पुरे मानयोग सिर्फ हड्डी के box के उपर रहेगा यानि की आपके उपर ना की छोटे छोटे हड्डी के उपर उसका नजर रहेगा.
ठीक उसी तरह हम भी अगर ऐसे छोटे छोटे चीजो के उपर जादा ध्यान ना देकर बड़े कामो में ध्यान देंगे तोह सायेद उससे हमें सफलता के रस्ते नजर आएगा.क्यों की हमें इस जिन्दगी के रह में हजारो लोग होंगे जोह की हामारे दिशा को भंग करने में इस तरह के हड्डिया फेकेंगे.इस आपके लक्ष्य तक पहुचने में रोकेगा और उस छोटे छोटे चीजो के उपर आकर्षित करेगा.क्यों की हमसब एक इंसान है इसीलिए अपना मानयोग स्थिर नहीं रहता है.इसीलिए खुदको शेर की प्रतिमूर्ति के साथ देखने का प्रयास करे.क्यों की खुदके बड़े चेहरा जीबन के लक्ष्य को तय करता है.उमीद है यह कहानी आपको पसंद आएगा और इस काहानी से जरुर आपको कुछ ना कुछ सिखने को मिलेगा.और इस पोस्ट से जुड़े हुए आपके मन में किसी भी तरह के सावाल/सुझाब रहता है तोह आप निचे कमेंट box का साहारा लेकर मेरे साथ शेयर कर सकते है.धन्यबाद.
आपका आर्टिकल काफी पसंद आया इसे पढ़कर काफी अच्छा लगा। धन्यवाद
shukriya ji