HASO AUR HASATE RAHO

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HASO AUR HASATE RAHO

हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आजका जो टॉपिक है बहुत  सरल है लेकिन इस टॉपिक कही ना कही हमारे जीबन में बहुत बड़ा एक रोले play करता है.काहाबत में है ना की ”जाहा ना पहुचे रवि                                                                                                                  वोहा  पहुचे कबि” . दोस्तों आज ऐसे ही हाम एक काहानी के  माध्यम से बातानेवाला है की हमारे जीबन बिताने के लिए खुश रहना यानि की हासना और हासाना कितना जरुरी है.तोह चलिए इस पोस्ट को पढ़ते रहिये और हासते रहिये और हासाते रहिये,यानि की haso और हासाते रहो.

सुखी जीबन जीने के लिए haso और एक दुसरे को हासाते रहो 

ऐसे ही एक कबि बागान से गुजार राहा था,बागान में हाजारो फुल खिले थे सारे फुल मुस्कुराते हुए नजर आरहा था.उस बागान का नाजारा स्वर्ग के समान था.कबि एक खिलते हुए फुल के पास गया और बोला मित्रों तुम कुछ ही दिनो में मुरझा जायोगे,तुम कुछ दिनों में इसी मिट्टी में मिल जायोगे,तुम फिर भी मुस्कुराते रहते हो,इतने खूबसूरती से खिले क्यों रहते हो?

फूल कुछ नहीं बोला…                                                                                                           इतने में एक तितली कोई से उड़ते हुए आई और फुल पार बैठ गया.काफी देर तक तितली ने फुल की खूबसूरती का आनंद उठाया और फिर उड़कर चला गया.अब कुछ देर के बाद एक भमरा आया और फुल के चारो और घूमते हुए मधुर संगीत सुनाया फिर फूल पार बैठ कर खुशबू बटोरी और फिर से उडकर चला गया.

एक मधुमस्क्षी झूमती हुए आई और फुल पार आकर बैठ गया.ताजा और सुगंन्धित पराग पाकर मधुमक्षी बहुत खुश हुयी और शहद का निर्मान करने उडकर चला गया.

एक छोटा बाछा बागान में आपनी माँ के साथ खेलने आया.खिलते फूलो को देखकर उसका मन बहुत प्रसंनित हुआ.उसने आपने कोमोल हाथो से फुल को स्पर्शो किया और खुश होता हुआ फिर से खेल में लाग गया.

अब फुल ने कबि से काहा की देखा….                                                                                         पल भरके लिए ही सही लेकिन मेरे जीबन ने ऐसे ही ना जाने कितने लोगो को  खुशिया दिया है.इस छोटे से जीबन में ही मैंने बहुत सारे चेहरे पार मुस्कान बिखरने देखे है.मुझे पाता  है की काल इसी  मिट्टी में मुझे मिल जाना है,लेकिन इस     मिट्टी ने ही मुझे यह ताजगी और सुगन्ध दी है तोह फिर इस मिट्टी से मुझसे कोई सिकायत नहीं  है.

”में मुस्कुराता हु,क्यों की में मुस्कुराना जानता हु                                                                                में खिलता हु क्यों की में खिल खिलाना जानता हु” 

मुझसे आपने मुरझाने पे कोई गम नहीं है.क्यों की मेरे बाद काल फिर इस मिट्टी में नया फुल खिलेगा,फिरसे यह बागान सुगन्धित हो जाएगा.ना यह ताजगी रखेगी ना ही मुस्कराहट,येही तोह जीबन है.

दोस्तों आपकी छोटी सी मुस्कराहट भी कोई लोगो के चेहरे पार मुस्कान ला सकता है.हामेशा मुस्कुराते रहिये,जीबन चलता रहेगा,आज आप है काल आपको जगह कोई और होगा.

  • आप आगर एक अध्यापक है और जब आप मुस्कुराते हुए क्लास में प्रबेश करेंगे तोह देखिएगा सारे बाच्चे के चेहरे पार एक मुस्कान जरुर देखने मिलेगा.
  • आगर आप एक डॉक्टर है और मुस्कुराते हुए मरीज के इलाज करेंगे तोह मरीज का आत्म्यबिस्वास दोगुना हो जाएगा.
  • जब आप मुस्कुराते हुए घर में आयेंगे तोह देखना आपके पुरे परिबार में एक खुशियों का महल बन जाएगा.
  • आगर आप एक busniesman है और आप खुश होकर कंपनी में एंट्री करते है तोह देखिएगा आपके सारे कर्मोचारियो के मन का दबाब हालका हो जायेगा,और महल खुशनुमा हो जाएगा.
  • आगर आप एक दुकानदार है और मुस्कुराते हुए आपने ग्राहोको से बात करेंगे तोह आपके ग्रहोक खुश होकर प्रत्याह आपके दुकान से ही सामान ले जाना पसंद करेगा .
  •  कभी रस्ते पे चलते हुए अंजान आदमी को देखकर मुस्कुराये और देखिये उसके चेहरे पार भी एक मुस्कान आ जायेगा.

मुस्कुराते रहिये क्यों की मुस्कुराने के लिए आपको कोई पैसे नहीं लागता है,यह तोह ख़ुशी और सतंत्रता एक पहचान होता है.मुस्कुराइए क्यों की यह जीबन आपको दोबारा नहीं मिलेगा.दोस्तों यह काहानी आपको कैसा लागा आप जरुरु मुझे कमेंट box का उपोयोग करके बाताये.

 

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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