बेटी बचाओ इससे जुड़े हुए एक सच्चा काहानी जोह आपके दिल को छू ले

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बेटी बचाओ इससे जुड़े हुए एक सच्चा काहानी जोह आपके दिल को छू ले

हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको Internetsikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों कुछ सालो से भारत में बेटी बचाओ के अभिजान बहुत ही तेजी से चल रहा है.और इस अभिजान से से जुड़े हुए एक सच्चा काहानी मजूद है जोह की हम इस पोस्ट में आपलोगों के साथ शेयर करने जा रहा हु.यह कहानी संगृहीत किया हुआ एक सच्चा काहानी के आधार पार है.

बेटी बचाओ अभिजान से जुड़े हुए एक सच्चा काहानी जोह आपके दिल को छू जाए

यह एक संग्रह किया हुआ काहानी है जिससे एक बेटी और उसके पिता के बिच बात चित होता है और उस समय उस बेटी के दिल में उनके घरवालो के लिए कितना पयार है वोह एहसास जाताया गया है.तोह इस कहानी में उस बेटी के पिता होकर इस कहानी को संपन्न करूँगा जिससे आप सभीको इस कहानी को समझने में आसान हो.

आज हम जब दोपहर को खाना खाने घर गया तब देखा की हमारी गुडिया आपने गुल्लक तोड़ दिया और उसमे जितने भी पैसे थे सब इकट्टा कर रही है.यह देखकर में अपनी गुडिया से पूछा की बेटी तुमने यहे गुल्लक क्यों तोड़ दी ?मुझे देखकर वोह रोने लागी और मुझे दूर से देखते ही मेरे पास दोड़ कर आई और मुझे कश्के पकड़कर और जोर जोर से रोने लगी.

बेटी बचाओ इससे जुड़े हुए एक सच्चा काहानी जोह आपके दिल को छू ले

और रोते रोते कहने लगी की पापा पापा हामारी चची बीमार है ,और चाचा भी घर पर नहीं है और चची को बहुत जोर से बुखार है उन्हें बहुत कष्ट हो राहा है.

यह बात सुनते ही मैंने एक तरफ आपनी गुडिया के नजर में देखा और मेरे आँखों में आंसू आगया.फिर हमने काहा की चची के साथ तुम्हारे मम्मी का तोह झगडा है फिर तुम येह्सब क्यों कर रहे हो?

उसके उत्तर में गुडिया ने धीरे से  काहा मम्मी और चची का झगडा है हमारा तोह नहीं.यहे सुनकर हमने आपने छोटे भाई को फ़ोन लागाया और पूछा कहा है?उसने बोला में अभी काम में ब्यस्त हु शामतक आ पाऊंगा.

यह सुनकर हमने ही डॉक्टर साहेब को बुला लिया और उनके इलाज कराया.फिर जब हमने अपने जेब से डॉक्टर को पैसे देने लागा तोह गुडिया बोली डॉक्टर अंकल वोह पैसा ना ले.हमारी यह गुल्लक वाली पैसे लीजिये इससे सुनकर डॉक्टर साहबे भी हमरे तरफ देखते हुए काहा की चक्कर क्या है फिर हमने पुरे बाते डॉक्टर साहेब को बाताया.यह सुनकर डॉक्टर साहेब मुझे धीमी आवाज से  बोल पढ़े देखो साहेब ऐसे ही होती है बेटीया …

उसके बाद डॉक्टर साहेब ने कुछ दाबाईया लिख कर prespction  देते हुए काहा की हमें कोई फीस नहीं चहिये.और हां इन्ही पैसे से आपकी बेटीया की साधी में हामारी तरफ से एक तोफा दे देना.

इससे देखकर में हैरान होगया की हम जिन बेटो के लिए बेटियों का गर्भपात करवा देते है और बाद में वोही बेटे हामको घर से बाहर कोई ब्रिद्धाश्रम् में भेज देते है.इसीलिए हंस अभिको बेटी की रक्षा करना है तभी देश की रक्षा होगा.और इस अभिजान को हम सभीको पालन करना है तभी हामारे समाज में शांति श्रीन्खला बना रहेगा.उम्मीद है यह पोस्ट आपको पसंद आएगा और इस पोस्ट को जादा से जादा लोगो को शेयर करे और इस बात से जुड़े हुए आपके मन में किसी भी तरह के सावाल/सुझाब रहता है तोह आप निचे दिए हुए कमेंट बॉक्स का साहारा लेकर मेरे साथ शेयर कर सकते है.धन्यबाद.

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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