जीबन में इंसान खुस क्यों नहीं होते?

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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internetsikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों इस दुनिया के जादा से जादा इनक्सान के यह बीमारी दिखाय देता है की वोह बोलते रहते है कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है.इस दुर्नीति की जीबन और जीने की मन नहीं कर रहा है.इस दुनिया में जिंदा रहकर कुछ फायदा नहीं है इस तरह के बाते लोगो से जादा सुनने को मिलता है.बोलने में शर्म नहीं असल में में भी इसी तरह के सोच रखता हु.और आज में जोह बिषय में लिखने जा रहा हु उस बिषय में में भी उतना ठीक तोह नहीं हु.फिर भी लिख रहा हु अगर किसीको कुछ समझ में आये.किसीको समझ में आये बोलना गलत होगा क्यों की हर कोई तोह सब कुछ समझता है.लेकिन समझने के बाद उससे कोई पालन नहीं करता है.क्यों की motivation मांगने से तोह एक दुसरे को दे सकते है.लेकिन दुःख की बात हम खुद ही वोह motivation अपनाते नहीं है.

जीबन में इंसान खुस क्यों नहीं होते?

जोह इन्सान हमेशा कहते रहता है कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है वोह हमेशा चुप रहता है इसीलिए दुखी रहते है.हो सकता है इसके पीछे कुछ ना कुछ कारन रहेगा.तोह क्या उससे पकड़कर रहोगे.हो सकता है कोई उन्हें छोड़ के चला गया,जब गया तोह गया जिसको जाना है वोह ऐसे ही जायेगा.उससे रोक के नहीं रख सकते है.हमसब इस बात को तोह बड़ी आसानी से एक दुसरे से कह देते है लेकिन खुद मान नहीं पते है.और इस ना मानने के वजह से ही हम अपने जीबन में हर जाते है.

जीबन में इंसान खुस क्यों नहीं होते?

हो सकता है कोई किसी काम में सफल नहीं हो पाया.और उसके बाद वोह दुखी हो जाता है और दुनिया से चले जाने का प्रस्ताब ठीक कर लेते है.और साथ साथ वोह अपने भाग्य को दोषी करता है.लेकिन वोह कभी यह नहीं सोचते  है की वोह जोह चाह रहा था उसके लिए वोह क्या किया था.वोह उस काम के लिए आपने best उस काम में क्या सही से दिया था.दरअसल जोह हमें चाहिए और खुसी खुसी हमें मिल जाये ऐसा तोह नहीं हो सकता है.जैसे एक कहाबत है न की जबतक बच्चा रोता नहीं है तबतक मा ने दूध भी नहीं पिलाते है.ठीक उसी तरह जबतक अपने मन में उस काम को लेकर इच्छा नहीं रहेगा तबतक उससे हम हासिल नहीं कर सकते है.

इसके लिए सबसे पहले हमें तय करना है की कैसे करना है और क्या करना है.उसके बाद उस काम को लेकर चारो तरफ से लगे पढना है.तभी ना उस काम में सफल हो सकते है.नहीं तोह ऐसे ही चारो तरफ ध्यान भटकना बेकार है.आपको लोग बहुत सारे सफल लोगो के काहानी सुनाएगा क्यों की उनलोग सफल है उसके लिए उनलोगों के काहानी लोगो के जुबान पे है.लेकिन उस सफल बेकती के कहानी से हमें क्या फर्क पड़ेगा.हो सकता है थोडा बहुत अनुप्रेरणा मिल जायेगा.और क्या?और कुछ भी नहीं मिलेगा.लेकिन हम अगर अपना लक्ष्य के उपर नजर रखते है और आपना काम सही तरह से आगे बढ़ाते है तोह एकदिन उस काम में सफलता जरुर मिलेगा.अप हो सकते है की एक मुची होकर अब्राहम लिंकन नहीं बन सकते है लेकिन प्रयास करने से एक आदर्श राजनितिबिद बन सकते है.उसके लिए आपको कोई धनि परिबार में जन्म लेने का जरुरत नहीं रहेगा.

exam में फ़ैल करने से सायेद bill gates नहीं बन सकता है लेकिन प्रयास करने से  एक अछे busniesssmen तोह बन सकता है.उसके लिए आपको खुदको बानाना होगा जिससे उस महान बेकती के तरह आपके नाम भी इतिहस के पन्ने में छपे.और कोई जन्म लेकर ही इतिहास के पन्ने में उसके नाम नहीं छापते और इतिहास पहले से ही तैयार नहीं करते की किस पन्ने में किसका नाम लिखना है.इतिहास लोगो के कर्म को देखकर उसके बारे में लिखेने के लिए बाध्य होते है.उसके लिए हमें भी उसी तरह तैयार करना है जिससे हमारे नाम भी इतिहास के पन्ने में छापे.मानता हु यह बहुत बड़ा एक chalange बन जायेगा,हामारे नाम इतिहास में नहीं वल्कि हम अछे से अछे परफॉर्म देकर उस काम में सफल होने के लिए प्रयास तोह कर ही सकते है.

और कुछ लोग मानसिक रूप से दुखी होते है.और ऐसे मानसिक दुःख में भुगने वाले के संख्या बहुत जादा ही है.और हम अपने आपको ही जादा दुखी महसूस करने लगते है.और हम बहुत आसानी से दुसरे को बोल देते है की हम इस दुनिया के सबसे दुखी इन्सान है.लेकिन हम यह समझने की कोशिस नहीं करते है की हमसे भी जादा दुखी भी लोग है.और वोह उससे चुपके इस दुनिया में खुसी से जी रहा है.ऐसे आप सबने भी कभी ना कभी देखे होंगे की कुछ लोग को बहुत दुख मिला है बहुत कुछ खोया है बहुत रोया है फिर भी लोगो के साथ वोह सबसे जादा हस खुलकर रहता है.हमेशा उनके मुह में हशी लगे ही रहता है.

असल में यह हसी जीबन के दुःख को छुपाने के लिए है.जोह हम किसीको देखते है असल में वोह ऐसा नहीं भी हो सकता है.हो सकता है उसके जीबन में कुछ और है .और हम दुसरे के हशी खुसी जीबन को देखकर उसके जैसा होना चाहते है.और सोचते रहते है की काश उसके जायगा पे अगर में होता तोह मेरा भी जीबन उसके तरह हस खिलकर कटता था.लेकिन हम यह समझनेका कोशिस नहीं करते है की असल में वोह अपने जीबन में खुस है की नहीं.हर एक इन्सान के दिल में कोई ना कोई छुपा हुआ दुःख होता ही है.यह चीज के बारे में हमें समझना चाहिए उसके बाद ही अपने बारे किसीको यह बताये की में इस दुनिया में सबसे दुखी इन्सान है .और अगर हम इस बात को समझ लेते है तोह हम ही दुनिया के सबसे खुस इन्सान महसूस करने लागेंगे.असल में हम कमजोर इसमें है की हमें परिशानी होता है लेकिन लेकिन उस परिशानी से कैसे बहार निकले उसका प्रयास नहीं करते है.कुछ खो जाने से हमें लगता है इस दुनिया से सब कुछ ख़तम हो गया.यह परिशानी को झेलना अगर आप एकबार सिख लेते है तोह आप दुनिया में सबकुछ हासिल कर सकते है.मानसिक दुःख को हमें भूलना होगा तभी  आपके जीबन सार्थक हो सकता है.क्यों की असल में दुःख बोलके कोई चीज है ही नहीं.यह मानना सीखे ,जीबन बहुत ही सुन्दर है.life is beautiful.

दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको यह बाताने का प्रयास किया है की इन्सान अपने जीबन में दुखी क्यों होता है?इन्सान के दुःख के क्या कारन है?और दुःख से दूर रहने के लिए हमें क्या करना है उसके कुछ उपाय इस पोस्ट में बाताये है.उम्मीद है इस पोस्ट को पढने के बाद आपके अंदर से दुःख वाले दर्द को भूल सकते है और हरपल खुशियों के साथ रह सकते है.इस पोस्ट से जुड़े हुए आपके मन में किसी भी तरह का सावाल/सुझाब रहता है तोह आप निचे निचे दिए हुए कमेंट box का साहारा लेकर मेरे साथ शेयर कर सकते है.धन्यबाद.

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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