धर्म की क्या जरुरत हामे आपने ज़िन्दगी जीने के लिए?

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धर्म की क्या जरुरत हामे आपने ज़िन्दगी जीने के लिए?
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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिर से आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आजके टॉपिक को देखते हुए आपके मन में कही ना कही यह जरुर सोच रहे होंगे की यह में क्या बाताने जा राहा हु.जी हां यह सुनने में तोह अजीब है ,   लेकिन आज में इसके बारे में थोडा बहुत लिखने जा राहा हु.

लोग आपने जीबन में जीने के लिए जात पात को क्यों देखते है?

दोस्तों धर्म और जात पात के बारे में जब गहराई से सोचता हु तब मेरे दिमाग में यह सावाल पैदा हुआ की हामे यह ज़िन्दगी जीने के लिए और इस दुनिया में रहने के लिए यह जात पात और धर्म का क्या जरुरत है हामे?क्यों की  हामे जीने के लिए जब हाम अपना स्वार्थ ही देखते  वोहा तोह ना कोई हामे धर्म दीखता है और   ना ही कोई जात पात दिखाई देता है.जब आपना जीबन जीने के लिए हमें बास आपना  जरुरी चीजों को पूरा करने वक्त धर्म और जात पात के बारे में कोई पूछता भी नहीं है .दैनंदिन जीबन में जीने के लिए जैसे हामे बहुत सारे सामग्री का जरुरत पड़ता है जैसे आटा,चवल,बिस्कुट ,साबान ,तेल,और भी बहुत सारे चीजो है है जोह हामे जरुरत पड़ता है और जब हाम यह सब सामान खरीदते है तब हाम क्यों नहीं सोचते है धर्म और जात पात के बारे में?क्यों की यह हामारे जरुरत के चीज है और हाम आपने जरुरत के चीजो के बारे में नहीं सोचते है की यह कोनसा धर्म के लोगो ने यह खेती किया था या फिर कोनसा जात वालो ने यह सामान को आमदानी किया और कोण लोगो ने यह फसल को खाने पीने के लायेक बानाया.आप जारा गौर से सोचिये इस बात को की क्यों हाम  येह्सब चीजो  जब खरीदते है तब हामारे दिमाग में कोई धर्म और जात पात के बारे में नहीं सोचते है?क्यों की यह सब चीजे हामारे जीबन जीने के लिए बहुत जरुरी है और इसके बिना हामारे दिन नहीं चल सकता है इसीलिए.तोह फिर हाम क्यों धर्म और जात पात के बारे में सोचते है ,जोह की ज़िन्दगी जीने के लिए  या फिर हामारे इस दुनिया में रहने के लिए येह्सब  धर्म और जात पात का कोई जरुरत है ही नहीं ,तोह फिर  क्यों हाम  धर्म और जात पात के लिए एक दुसरे से लड़ते रहते है?दोस्तों जोह चीजो की कोई जरुरत ही नहीं हामारे ज़िन्दगी में जीने के लिए तोह फिर क्यों हाम उस चीज को इतना बड़ा बानाकर फैलाता है और उसके लिए एक दुसरे से हम लढाई झगड़ने करने  का मतलब ही क्या है?

ज़िन्दगी में जीने के लिए हामे धर्म का कोई जरुरत है ही नहीं  उसका एक सवसे बड़ा उदाहरन

दोस्तों इस दुनिया में बहुत सारे लोग मजूद है गरीब से लेकर धनि तक.और जोह लोग धार्मिक होते है वोह आपने धर्म से से तोह बहुत प्यार करते है और वोह आपना धर्म को ही सबसे उचा मानते है .लेकिन बात यह आता है की मैंने आजतक कोई भी मेडिकल इमरजेंसी ब्लड बैंक में जाकर आपना धर्म और जात के हिसाब से नहीं पूछता है की साहेब हामे हिन्दू का खून चाहिए या फिर हामे मुस्लिमो का ही खून चाहिए या फिर अलग अलग धर्म का भी किसीको मांगने नहीं देखा है.क्यों की हामें आपना ज़िन्दगी जीने के लिए कोई भी धर्म या जात पात काम नहीं आता है.यह जात पात तोह लोगो के द्वारा दिया हुआ है और वोह सिर्फ आपने धर्म और जात को उच्चे स्थान में दिखाना चाहते है.

हामे हामारे धर्म और जात पात से क्या मिलता है?

दोस्तों आगर आप आपने धर्म और आपके जात पात को लेकर इतने ही जादा अहंकार करते है तोह फिर आप मुझे एक बात का जवाब दीजिये की आपके जीबन में आपके धरम  और आपके जात की जरुरत ही क्या है जब की आपको यह पाता ही नहीं होता और यह पाता तक नहीं करते की जिंदा रहने के लिए जोह आटा  आप दूकान से खरीदकर लाते हो उस आटा का गेहू किस धर्म के और किस जात के लोगो ने चक्की में पीसकर इससे आपके खाने के लायेक बानाया है.इसीलिए आपका धर्म और जात पात का तब ही गुरुर करना लोगो के सामने जब आपके ही धर्म के लोगो ने मिलकर गेहू लागाये और आपने ही जात के लोगो ने उससे पीसकर आपके खाने के लायेक बानाए और उस आटा से बानाया हुआ रोटी जब आप खाते हो .आपके धर्म   और आपके जात पात के गुरुर तब ही करना जब आप आपने घर के कोई लोगो को किसी भी हॉस्पिटल में भरती करते है और जब उन्हें blood का जरुरत पढता है तब आप किसी भी blood बैंक में जाकर आपके ही धर्म और जात पात के लोगो का ही खून माँगना.और येह्सब काम आप आगर कर सकते है तब ही आप आपके धर्म और आपके जात पात के बारे में गुरुर करे ,और मुझे पाता है यह काम आप यह ज़िन्दगी में नहीं कर सकते है क्यों की यह सब चीजे आपके जरुरत है और इन् चीजो में आपके स्वार्थो छुपा हुआ है.जाहा पार हामारे जीबन को जिंदा रहने के लिए जरुरत पढता है वोहा हामे धरम और जात पात का कोई नज़र नहीं आता है और जहा पार   हामे जारा सा भी  धर्म और जात पात का जरुरत नहीं होता वोहापार हामे  धर्म और जात पात का नज़र आता है.मतलब इसमें इंसानियत का साफ स्वार्थ  दिखाई देता है की जीबन में जिंदा रहने के लिए हामे कोई भी  धर्म और जात पात का जरुरत है ही नहीं.

जोह लोग धर्म और आपने जात पात  के लिए लोगो से झगड़ते है उनके लिए कुछ बचन

दोस्तों एक बात आप अपने दिमाग में सेट करलो और खुद महसूस करने का भी कौशिश कोरो की हामे जिंदा रहने के लिए किसी इंसान की जरुरत है ना की कोई  धरम   और जात पात काम आता है.जरुरत पढने पार इंसान ही काम आता है ना की कोई धर्म आके आपका काम कर देगा.इस बात का एकिन दिलाने के लिए आपको  एक  बातो के माध्यम से बाताता हु ,,   आप आगर कभी भूखे मर रहे हो और और आपको खाना खाने का बहुत जरुरत है तोह ऐसे समय आप आपके मदत के लिए सिर्फ एक इंसान को ही देखते हो और उस हालत में आप यह नहीं देखते की वोह इंसान आपके  धर्म और जात पात में से है या नहीं.कभी आगर रास्ते पे आपके एक्सीडेंट हो जाता है और आप पूरी तरह से घायेल हो जाते है और आप एकेले सड़क पार तड़प तड़प कर चिल्लाते रहते है उस वक्त आप आपनी मदत के लिए सिर्फ एक इंसान को देखते है ना की तब आप सोचते  है की सिर्फ आपके    धरम   जात पात के लोगो ही आपके मदत करने के लिए आगे आये.हामे दुनिया में जीने के लिए आगर जरुरत है तोह वोह है सिर्फ इंसान.जीबन में जिंदा रहने के लिए जब हामारे  धर्म और जात पात कोई काम ही नहीं आता है तोह हामे इनका क्या जरुरत है और हाम क्यों फिर यह झुटा लड़ाई झगडा करते रहते है एक दुसरे जातो के लोगो के साथ?बंध करे यह  धर्म और जात पात का लफड़ा.जीबन में इंसान काम आता है ना ही  कोई जात पात और धर्म  आपके काम आयेगा कभी.

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धर्म और जात पात के खेत्रो में मेरा क्या कहना है?

दोस्तों में आपको सच बाताऊ तोह में खुद कभी भी आपने दैनंदिन  जीबन में यह नहीं देखता हु  की में जिस इंसान के साथ बैठा हु या काम करता या फिर जोह इंसान के साथ घूमता हु वोह इंसान किस धर्म से है और उसका जात ही क्या है.में देखता हु तोह सिर्फ इंसान देखता हु बाकी कुछ नहीं.कहने से तोह मेरा धर्म हिन्दू है और मेरा जात बंगाली (तंबोली) है लेकिन आपको सच बाताऊ तोह ना मेरा कोई धर्म  है और ना ही कोई मेरा जात है क्यों की मेरा धर्म मेरी जात सिर्फ मेरा काम है और मेरा करम ही मेरा धरम और जात है ,येही में मानता हु.

दोस्तों यह था आजका टॉपिक ,और आजके दिन में हर जगह  धर्म और जात पात के लिए एक दुसरे को झगड़ते हुए देखते हुए यह पोस्ट मुझे लिखना पड़ा ताकि उन्हें  धर्म और जात पात के बारे में सही सबक मिल सके और  किसी से झगड़ने से पहले  धर्म और जात पात के बारे में  थोडा सच बाते का जानकरी मिले जिससे वोह सुधर सके.मुझे उम्मीद है की आपको यह जानकारी   पसंद आया होगा और इस पोस्ट सम्बंधित आपका को सुझाब है तोह वोह आप मुझे कमेंट बॉक्स में कुमेंट करके बाता सकते है.और इस अमूल्ल्य पोस्ट को आपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे ताकि उन्हें भी  धर्म और जात पात के बारे में थोडा सही सबक मिल सके और आपना इंसानियत को पहचान सके.और ऐसे ही हरदिन एक नए जानकारी आपके मेल बॉक्स में पाने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले,सब्सक्राइब करने से आपको अहर एक नए पोस्ट के अलर्ट आपके मेल बॉक्स में पहुच जाएगा और आप कभी भी उससे पढ़ सकते है.कृपया सब्सक्राइब करके हामारा उतशाह बाढाए और हामे और भी अच्छे से अच्छे जानकारी आपके लिए लिखने में सहयोग दे.

Mithun
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मिथुन है,और में इस वेबसाइट को 2016 में बानाया हु.और इस वेबसाइट को बानानेका मेरा मूल मकसद यह है की लोगो को इन्टरनेट के माध्यम से हिंदी में इन्टरनेट की जानकारी प्रदान करना.इसीलिए इस वेबसाइट का नाम Internetsikho राखा गया है.

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